जनम दिवस पर , चाहक का मोदी को खुला पत्र
रहेना तू है जेसा तू ,
थोडा सा कम्युनल , थोडा सेक्युलर
रहेना तू है जेसा तू ,
रहेना तू है जेसा तू ,
धीमा धीमा झोका,
या फिर जनून
थोडा सा डिक्टेटर ,
थोडा सा कड़क,
कभी डेल्ही जाये
या गांधीनगर,
या फिर जनून
थोडा सा डिक्टेटर ,
थोडा सा कड़क,
कभी डेल्ही जाये
या गांधीनगर,
युही खुसबू से भरा
तुजे बदलना ना चाहू , रति भर भी सनम ,
तुजे बदलना ना चाहू , रति भर भी सनम ,
बिना सजावट मिलावट , न ज्यादा न ही कम
तुजे चाहू , है जेसा तू ,
तुजे चाहू , है जेसा तू ,
मुझे रहेना नै , जिन है तेरे ही राज्य में
तुजे चाहू......
रहेना तू है जेसा तू ,
तुजे चाहू......
रहेना तू है जेसा तू ,
थोडा सा कम्युनल , थोडा सेक्युलर
तू ज़ख़्म दे अगर , महरम भी आकर लगाये
ज़ख़्म में भी मुजको प्यार आये
रहेना तू है जेसा तू , थोडा सा कम्युनल , थोडा सेक्युलर
हाथ थम कर चलना है , कांग्रेस हटाना है देश बचाना है
तू ज़ख़्म दे अगर , महरम भी आकर लगाये
ज़ख़्म में भी मुजको प्यार आये
रहेना तू है जेसा तू , थोडा सा कम्युनल , थोडा सेक्युलर
हाथ थम कर चलना है , कांग्रेस हटाना है देश बचाना है
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