लिखे जो ख़त तुझे (वनजारा टू पागल पत्रकार )


लिखे जो ख़त तुझे , वो तेरी याद में
वो तेरी याद में, हजारो रंग के नजारे बन गए
सवेरा जब हुआ, तो डीआईजी  बन गए
जो रात आयी तो केदी बन गए

कोई एंकाउन्टर कही गूंजा, कहा दिल ने ये समन आया
कही चटकी गोली कोई , मैं ये समझा तू घभाराई   
कोई खबर कही बिखरी, लगा ये दाढ़ी लहराई

लिखे जो ख़त तुझे , वो तेरी याद में
वो तेरी याद में, हजारो रंग के नजारे बन गए

फिजा रंगीन अदा रंगीन ये इठालाना, ये शरमाना
ये अंगडाई, ये तनहाई , ये तरसाकर चले जाना
बना देगा नहीं किस को,  पीएम  जादू ये दीवाना

जहा तू हैं, वहा में नहीं , मेरे दिल की तू धड़कन हैं
भक्त  मैं तू भगवान  हैं, मैं केदी  हूँ, तू सी एम  हैं
मेरी दुनिया ये सलाखे  हैं, मेरी जन्नत रिहाई हैं

लिखे जो ख़त तुझे , वो तेरी याद में
वो तेरी याद में, हजारो रंग के नजारे बन गए
सवेरा जब हुआ, तो डीआईजी  बन गए
जो रात आयी तो केदी बन गए

Comments

  1. This is the first time i am reading your post and admire that you posted article which gives users lot of information regarding particular topic thanks for this share.

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