चाहक का अन्ना को खुला पत्र




कुछ तो हुआ है कुछ हो  गया है,
अरविन्द जुदा  हुआ है तब से लगता है ऐसे ,

सब कुछ नया है सब कुछ अलग है 

जनलोकपाल को भूल गए है, 
बेखयाली में अनशन पे बेठे है ,
अब अकेले में पछता ते  है,
बदले हुए से आपके तेवर है  

कुछ तो हुआ है कुछ हो  गया है,

पिगला पिगला  लगता है आपका दिल  तो ,
हसके मिलते है आज कल कांग्रेसी से ,

कुछ तो हुआ है कुछ हो  गया है,

ध्यान अब इमेज का ज्यादा रखते है ,
सोचते है केसे दिखते है , 
मीडिया में रहने को, 
चिठ्टी भी लिख देते है

कुछ तो हुआ है कुछ हो  गया है,
यह नशा जिसका आपको हुआ है , 
हो न हो उसको पॉलिटिक्स कहते है, 
प्यार मिला तो , पॉवर आ गया है

कुछ तो हुआ है कुछ हो  गया है,

~ इंडिया अगेंस्ट करप्शन का भूतपूर्व सपोर्टर



 

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