कसम की कसम है कसम से



कसम  की कसम है कसम से
यह महंगाई कम ना होगी अब हमसे

लोग कहते है कर्रप्ट यह भी में जानू
पैसे लुटाए है मेने कब किसी की ना मानु

पैसे दे करके मेने
,खुर्सी यह ली है
जूठे सपने दिखाकर तुमसे वफ़ा ये की  है

कसम  की कसम है कसम से
हमको प्यार है सिर्फ खुर्सी से

कसम  की कसम है कसम से
यह महंगाई कम ना होगी अब हमसे

कुछ  इशारो में मार्किट ने हमसे जो कहा है
अब यकी हो रहा है की प्रेशर बढ़  रहा  है 

क्यों मार्किट को देखते है
, दिल में सोचते है
डेफिसिट जो  बढ़  रहा  है हम उसको रोकते है

कसम  की कसम है कसम से
यह मिलन है महंगाई का मिडल क्लास  से

कसम  की कसम है कसम से
हा कसम  से
यह महंगाई कम ना होगी अब हमसे


Comments